Riyawan Lahsun ki jankari

रिया वन लहसुन की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि प्रति क्विंटल इस लहसून के 10000 से लेकर 21000 रुपए तक मिल जाते हैं. जबकि लागत प्रति एकड़ 40000 रुपए तक है. ऐसे में एकड़ में लहसुन की रिया वन किस्म की खेती कर किसान 5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं.






लहसुन एक नकदी फसल है. भारत में इसकी मांग साल भर बनी रहती है. मसाला से लेकर औषधि के रूप में इस्तेमाल होने के कारण यह आम भारतीय किचन का अहम हिस्सा है. अगर आप भी इसकी खेती करने की योजना बना रहे हैं तो यह खास किस्म आपको मालामाल कर देगी.

लहसुन की इस किस्म का नाम रिया वन है. एक एकड़ में खेती करने पर उत्पादन करीब 50 क्विंटल तक होता है. रिया वन लहसुन की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि प्रति क्विंटल इस लहसून के 10000 से लेकर 21000 रुपए तक मिल जाते हैं. जबकि लागत प्रति एकड़ 40000 रुपए तक है. ऐसे में एकड़ में लहसुन की रिया वन किस्म की खेती कर किसान 5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं.

इस किस्म का नाम एक गांव के नाम पर पड़ा है. रतलाम का एक गांव है रिया वन, जहां पर यह प्रजाति इजाद हुई है और इसी इलाके में इस किस्म की बंपर पैदावार होती है. रिया वन गांव के रहने वाले किसान विनोद धाकड़ ने malva ki kheti से बातचीत में बताया की रिया वन की गुणवत्ता बाकी लहसुन की फसलों के मुकाबले काफी बेहतर है. वह खुद 1998 से इस प्रजाति की खेती करते आ रहे हैं. इसकी एक गांठ 100 ग्राम तक हो सकती है. एक गांठ में 6 से 13 कली तक होती हैं

.इसका कवर कागज की तरह मोटा होता है और बाकी लहसुन की प्रजातियों के मुकाबले ज्यादा सफेद होता है. रिया वन की जड़ काटने में सुविधाजनक होती है क्योंकि इसकी जड़ बाहर की तरफ रहती है. इसकी कटिंग बहुत सफाई से की जा सकती है. बाकी लहसुन की वेरायटी के मुकाबले इसकी सफाई करना और कटिंग करना आसान है इसलिए लेबर का खर्च कम आता है.

बाजार में सामान्य लहसुन का दाम ₹8000 प्रति क्विंटल तक मिल जाता है, जबकि पीक सीजन में रिया वन लहसुन का दाम 10000 से 21000 रुपए प्रति क्विंटल तक मिल जाता है. रिया वन लहसुन मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों के अलावा चेन्नई, मदुरै और दक्षिण भारत के कई राज्यों में भेजा जाता है.

रिया वन लहसुन में बाकी लहसुन के मुकाबले मेडिसिनल कॉन्टेंट जैसे कि ऑयल और सल्फर ज्यादा मात्रा में होता है. खास बात यह है कि लहसून की यह किस्म 1 साल तक खराब नहीं होती. जबकि बाकी लहसुन की किस्में 5 से 7 महीने तक ही टिकती हैं. अगर कल्टीवेशन अच्छा हो तो इसकी एक गांठ 100 से 125 ग्राम तक हो जाती है.

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