कृषि विज्ञान केंद्र ऐसी संस्थाएं हैं जो किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने से लेकर विभिन्न कृषि उत्पादन प्रणालियों के अंतर्गत नई तकनीक बीज एवं रोपण सामग्री का किसानों के खेत पर परीक्षण आदि करने तक के कार्य करती है।
केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा 19 मार्च 2017 को दी गई जानकारी के अनुसार देश में कृषि विज्ञान केंद्रों की कुल संख्या 668 हो चुकी हैं। किसानों के लिए जिला स्तर तक काम करने वाली इन संस्थाओं के बारे में हर किसान को जानकारी होनी चाहिए, ताकि वह इससे लाभ उठा सके।
केंद्र सरकार का लक्ष्य देश के सभी जिलों में कम से कम एक कृषि विज्ञान केंद्र बनाने का है। पिछले वर्ष तक देश में कृषि विज्ञान केंद्रों की संख्या 637 थी जो अब बढ़कर 668 हो गई है। इसके अलावा कृषि विज्ञान केंद्रों पर प्रभावी निगरानी एवं प्रबंधन के लिए अटारी की संख्या को 8 से बढ़ाकर 11 (नए अटारी- पुणे, पटना, गुवाहटी) कर दी गई है।
कृषि विज्ञान केंद्र के उद्देश्य एवं गतिविधियां
विभिन्न कृषि उत्पादन प्रणालियों के अंतर्गत स्थान विशेष के लिए नई तकनीक बीज एवं रोपण सामग्री का किसानों के खेत पर परीक्षण करना।
किसानों के खेतों पर विभिन्न फसलों पशुपालन व अन्य कृषि आधारित उद्योगों पर उनकी उत्पादन क्षमता सिद्ध करने के लिए अगर पंक्ति के प्रदर्शन आयोजित करना एवं जिला कृषि विस्तार कर्मियों के माध्यम से वृहद प्रसार का कार्य।
आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी में किसानों के ज्ञान व कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
औद्योगिक विकास के नवीनतम क्षेत्रों में जिलावार कृषि विस्तार कर्मियों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देना।
उन्नतशील बीजों का केवीके प्रक्षेत्र पर उत्पादन एवं “सीड हब” तथा “बीज ग्राम कार्यक्रम” के माध्यम से किसानों के खेतों पर उत्पादन।
प्रौद्योगिकी के प्रसार की प्रक्रिया को तेज करने के लिए बड़े पैमाने पर विभिन्न विस्तार गतिविधियों जैसे किसान मेला, कृषि प्रदर्शनी, प्रौद्योगिक सप्ताह, मीटिंग, समूह चर्चा, सेमिनार, फसल दिवस, रेडियो-टीवी पर चर्चा आदि का आयोजन।
कृषि विज्ञान केंद्र पोर्टल
कृषि विज्ञान केंद्रों की ऑनलाइन समीक्षा कर उच्च स्तर पर निगरानी प्रबंधन एवं किसानों को सूचना एवं सलाह उपलब्ध कराने के लिए 8 जुलाई 2016 को कृषि विज्ञान पोर्टल की शुरुआत की जा चुकी है। किसान अपने जिले में स्थित केवीके के बारे में इस पोर्टल से पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह के अनुसार कीवीके की सूचना राष्ट्रीय स्तर पर एक जगह उपलब्ध ना होने के कारण किसानो एवं अन्य नागरिकों को सूचना प्राप्त करने में कठिनाई होती थी तथा केवीके जिन उद्देश्यों एवं गतिविधियों के लिए स्थापित किया गया था उसकी ऑनलाइन निगरानी एवं प्रबंधन की भी सुविधा नहीं थी। इस पोर्टल के माध्यम से किसानों को सूचना एवं सलाह और केवीके की सेवाओं की ऑनलाइन निगरानी भी की जा सकेगी।
कृषि विज्ञान केंद्र पोर्टल की मुख्य विशेषताएं :-
पोर्टल द्वारा कृषि विज्ञान केंद्रों की ऑनलाइन निगरानी का प्रावधान किया गया है, जिसके अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा नियमित रूप से किए गए कार्यों का विवरण लेना एवं मासिक रूप से प्रगति रिपोर्ट प्राप्त करना सम्मिलित है।
इस पोर्टल के माध्यम से कृषि विज्ञान केंद्रों पर समय समय पर उपलब्ध होने वाली विभिन्न सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
मौसम एवं बाजार की सूचनाएं भी इस पोर्टल के द्वारा किसान प्राप्त कर सकते हैं।
आने वाले कार्यक्रमों का भी विवरण इस वेबसाइट पर उपलब्ध है जिससे किसान एवं प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले ग्रामीण युवक कार्यक्रमों का लाभ उठा सकेंगे।
प्रश्न पूछने एवं उत्तर प्राप्त करने की भी व्यवस्था की गई है। जिससे किसान अपने प्रश्नों का उत्तर प्राप्त कर सकेंगे।
संबंधित जिले के बारे में भी कृषि एवं कृषि से संबंधित विषयों की सूचना पोर्टल पर उपलब्ध हैं।
किसान एवं अधिकारी अपना पंजीकरण कर बहुत सारी सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं।
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